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दुर्घटना एवं अकाल मृत्यु से बचने के कारगर उपाय

विकास दिखनी

आज के तेजी से चलने वाले समय के दौर में व्यक्ति एक जगह से दूसरी जगह है शहर के भीतर या दूरदराज के इलाकों में यात्रा करने के लिए तत्पर रहता है। हमने अक्सर देखा है कि कई बार सड़क, रेल या वायु मार्ग दुर्घटनाओं में यात्रियों की अकाल मृत्यु हो जाती है। जहां यात्रा करते समय वाहन आदि को नियंत्रण में रखते हुए नियमानुसार चलाना और दूसरे वाहनों से अपनी रक्षा करना बहुत जरूरी है वही प्राकृतिक ऊर्जा का आवाहन कर के हम इस प्रकार की अकाल मृत्यु से अपना बचाव कर सकते हैं। कुछ नास्तिक लोग इन चीजों को महज अंधविश्वास का दर्जा भी दे सकते हैं परंतु हमारा यह मानना है कि विश्वास और अंधविश्वास में फर्क होता है। जब व्यक्ति को अपने अंतर्मन में यह विश्वास होता है की मैं सर्वदा अच्छा ही करूंगा अच्छा ही रहूंगा और अच्छा ही होने दूंगा तो सकारात्मक ऊर्जाएं जो इस ब्रह्मांड में संचार करती रहती हैं उस व्यक्ति के प्रति आकर्षित होती हैं और उसको एक सुरक्षा कवच प्रदान करती हैं। सकारात्मक ऊर्जा को जागृत एवं आकर्षित करने के लिए शास्त्रों में कुछ उपाय बताए गए हैं जिन की विस्तृत जानकारी देना यहां संभव नहीं है परंतु उसका सार एवं कुछ सरल उपाय मैं नीचे दे रहा हूं जो काफी प्रभावी होने का मुझे अपने व्यक्तिगत संस्मरण से ज्ञात है। यदि इन उपायों को पूर्ण भक्ति भाव एवं श्रद्धा के साथ किया जाए तो यह हमें एक सुरक्षा कवच प्रदान करने में और हमारे रोजमर्रा के कार्यों में एक सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करने में हमारी मदद करते हैं और खास तौर पर अकाल मृत्यु जैसे घोर संकट से हमारा बचाव भी करने में सक्षम है।

अकाल मृत्यु व एक्सीडेंट से बचने हेतु कारगर उपाय

1. घर से बाहर निकलते समय सबसे पहले गणेश जी को नमन करें।
गणेश जी के इस मंत्र का 108 बार जाप करे

ॐ गं गणपतये नमः

नित्य गणेश जी के 12 नामों का स्मरण करके घर से प्रस्थान करें।
गणेश जी के बारह नाम इस प्रकार हैं,

सुमुखश्चैकदन्तश्च कपिलो गजकर्णकः।
लम्बोदरश्च विकटो विघ्ननाशो विनायकः।।
धूम्रकेतुर्गणाध्यक्षो भालचन्द्रो गजाननः।
द्वादशैतानि नामानि यः पठेच्छृणुयादपि।।
विद्यारम्भे विवाहे च प्रवेशे निर्गमे तथा।
संग्रामे संकटे चैव विघ्नस्तस्य न जायते।।

2. घर से निकलने से पूर्व रुद्राक्ष की 108 मनको की माला से महामृत्युंजय मंत्र का जप करके निकले जिससे अकाल मृत्यु का भय नही रहता है। महामृत्युंजय मंत्र इस प्रकार है, मंत्र –
ॐ हौं जूँ सः । ॐ भूर्भुवः स्वः । ॐ त्रयम्बकं यजामहे सुगंधिं पुष्टिवर्धनम् उर्व्वारुकमिव बन्धानान्मृत्यो मृक्षीय मामृतात् । ॐ स्वः भुवः भूः ॐ । सः जूँ हौं ॐ ।

3. अकाल मृत्यु और एक्सीडेंट से बचने के लिए आप एक उपाय यह भी कर सकते है –

देव उठनी एकादशी के दिन प्रभु श्रीनारायण की दोनों संध्या के समय कर्पूर आरती करने से वर्ष भर अकाल-मृत्यु से रक्षा होती है; एक्सीडेंट,अनावश्यक वाद विवाद आदि उत्पातों से रक्षा होती है

4. इसके अतिरिक्त अपनी आस्था एवं विश्वास के अनुसार श्री राम रक्षा स्तोत्रम , राम रक्षा मन्त्र, हनुमान रक्षा शाबर मंत्र, देवी कवच आदि में से किसी एक अपने इष्टदेव का नित्य पाठ करने से शरीर की सभी प्रकार की अकाल मृत्यु, एक्सीडेंट, और प्रकृति की आपदाओं से रक्षा होती है।

इस जानकारी को आपसे साझा करने के साथ-साथ हम आपको यह भी बताना चाहेंगे कि सार्वजनिक स्थलों पर या अपने घर या दफ्तर में आपको अपनी रक्षा के लिए जो सावधानियां बरतनी चाहिए वह तो आपको बरतनी ही पड़ेंगी, किंतु आस्था और विश्वास के साथ उपयुक्त उपायों को करने से आपके चारों तरफ सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होगा जो आपको एक सुरक्षा कवच प्रदान करेगा। भगवान में विश्वास ना रखने वाले व्यक्तियों से भी अनुरोध है कि इन उपायों को करने का कोई नुकसान तो है ही नहीं और फायदा होता है या नहीं यह आप इन्हें कर कर ही महसूस कर पाएंगे अतः सभी से अनुरोध है कि अपनी इच्छा अनुसार इन उपायों को अपनाकर अपनी जिंदगी और परिवारजनों में सुरक्षा, परम सत्ता में आस्था, प्रेम एवं विश्वास की भावना को जागृत करें।

विकास दिखनी एक प्रसिद्ध वास्तुविद एवं ज्योतिर्विद‌ हैं। इन्हें व्हाट्सएप नंबर +917891100004 पर मैसेज द्वारा संपर्क किया जा सकता है।

 

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