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नोएडा फिल्म सिटी:भारतीय फिल्म जगत की स्वर्णिम राह

Sukhdev Vashist, 4th Estate News
सुखदेव वशिष्ठ

हिन्दी फिल्म इन्डस्ट्री ने माया नगरी कही जाने वाली और भारत की अघोषित आर्थिक राजधानी मुंबई में सफलतापूर्वक लंबा सफर तय किया है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश के नोयडा में फिल्म सिटी बनाने की घोषणा के साथ ही हिन्दी फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े लोगों की वर्षों पुरानी माँग को पूरा कर दिया है। हिन्दी फिल्म उद्योग से जुड़े हज़ारों कलाकार और टेक्निशियनों के चेहरो पर यह निर्णय निश्चित ही मुस्कान लेकर आया है और यह निर्णय समय की मांग भी लगती है।सुशांत केस के बाद मुंबई फिल्म इंडस्ट्री पर सवाल खड़े हुए हैं। ऐसे समय में सरकार फिल्म सिटी बनाने की योजना बना रही है। उत्तर भारत के कलाकारों को भी एक बेहतरीन प्लैटफॉर्म मिल सकेगा। इस निर्णय से केवल रोज़ग़ार पाने के लिए प्रदेश के युवाओं का पलायन रोकने की एक सक्षम मुख्यमन्त्री की चिंता भी झलक रही है। इस दृष्टि से यह एक उचित और उत्तम फैसला है। दादा साहेब फाल्के ने सन् 1913 में देश की पहली हिंदी फिल्म -`राजा हरीशचन्द्र’ बनाई थी।उन्ही के नाम पर बनी मुंबई फिल्म सिटी में ही मराठी और अन्य भाषाओं के साथ प्रोत्साहन को लेकर भेदभाव शायद उन्होने उस समय सोचा नहीं होगा।मराठी सिनेमा को 50 प्रतिशत की सब्सिडी है पर हिन्दी फिल्म और धारवाहिकों को किसी प्रकार की छूट अथवा सब्सिडी नहीं मिलती। कला को प्रोत्साहन मिलना ही चाहिए और भाषा के स्तर पर कोई भेद-भाव अपेक्षित नहीं है। कला हमारी आने वाली पीढ़ी को अपनी समृध्द संस्कृति से जोड़ने का एक सशक्त माध्यम है।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से पहले पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी इस दिशा में सार्थक पहल करते हुए, उत्तर प्रदेश के दो बड़े नगरों कानपुर और लखनऊ के मध्य फिल्म सिटी बनाने का निश्चय किया था। परन्तु काम ने कभी भी रफतार नहीं पकड़ी और वह काग़जी वादा बनकर ही रह गया। 22 करोड की आबादी वाले उत्तर प्रदेश को एक से ज्यादा फिल्म नगरियों की आवश्यकता लगती है। गंगा तट पर जिस भूमि का अधिग्रहण पूर्व मुख्य मन्त्री अखिलेश जी की सरकार में किया गया था, वह भी उत्तर प्रदेश में फिल्म सिटी बनाने के लिए उत्तम स्थान हो सकता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अनुसार ” देश को एक अच्छी फिल्म सिटी की जरूरत है। उत्तर प्रदेश यह जिम्मेदारी को लेने के लिए तैयार है। हम एक उम्दा फिल्म सिटी तैयार करेंगे।” यह फ़िल्म सिटी फ़िल्म निर्माताओं को एक बेहतर विकल्प उपलब्ध करवाएगी। अत्यंत उपयोगी हिन्दी भाषी क्षेत्र में हिन्दी फिल्म उद्योग की स्थापना होने से इन क्षेत्रों का सर्वागीण विकास तो होगा ही अपितु माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के आत्म निर्भर भारत बनाने के लक्ष्य में भी मील का पत्थर साबित होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कार्यशैली से हम सब को यह आनंदपूर्वक भरोसा है कि उत्तर प्रदेश की सरकार इसी कार्यकाल में शीघ्र ही नोयडा में ही फिल्म सिटी बनाने में सफल होगी। यह निर्णय मातृ शक्ति को परम आदर देने वाली भारतीय संस्कृति के विपरीत कंगना रनौत को मुंबई में घुसने नहीं देने जैसी धमकियों और इसी प्रकार के अन्य कृत्यों द्वारा अनेक पृथकतावादी संगठनों द्वारा भारत की अखंडता को क्षति पहुंचाने के प्रयासों पर नकेल डालने में निश्चित ही सफल होगा।

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